lll SSS SSS
रहर चल्यो खै के खै के
शहर जल्यो खै के खै के
शहर जल्यो खै के खै के
पिरति रोपे त्यो बोटै´मा
जहर फल्यो खै के खै के
जहर फल्यो खै के खै के
मरनु बाच्नू दोधारै भो
लहर गल्यो खै के खै के
लहर गल्यो खै के खै के
सफर लामो काट्दाकाट्दै
उमर ढल्यो खै के खै के
उमर ढल्यो खै के खै के
हजुर आफ्नो भन्ने ले नै
कसुर दल्यो खै के खै के
कसुर दल्यो खै के खै के
छन्द – रोकापी (हिमाल
सूत्र - lll SSS SSS
गण - न म म
विश्राम – ५ अक्षरमा
सूत्र - lll SSS SSS
गण - न म म
विश्राम – ५ अक्षरमा
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